World AIDS Day: 1 दिसंबर को ही क्यों मनाते हैं महा रोग एड्स दिवस! क्या है इसका इतिहास? क्यों है लाल रंग इसका प्रतीक?

World AIDS Day : पूरी दुनिया में काफी सारी बीमारियां ऐसी हैं जिससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते है। इन्हीं में से एक बीमारी एड्स भी है। पूरी दुनिया में 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाया जाता है। यह महा रोग दिन प्रतिदिन पूरी दुनिया में फैल रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि एचआईवी पॉजिटिव होने से जिंदगी का अंत हो जाता है।

लेकिन यह बात सच नहीं है। डॉक्टर के मुताबिक एचआईवी पॉजिटिव लोग लंबे समय तक जीवित रहते हैं। एड्स की बीमारी को लेकर हर साल जागरूकता अभियान चलाया जाता है। आईए जानते हैं क्या है यह बीमारी और क्या है इस बीमारी के कारण।

क्या है एड्स महारोग

एड्स का मतलब है एक्वायर इम्यूलनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम ।यह बीमारी आमतौर पर यौन संबंधित होती है ।इसके अलावा कई अन्य कारणों से भी यह बीमारी लोगों में फैलती हैं ।1 दिसंबर को पूरी दुनिया में इस बीमारी को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाता है और पीड़ित व्यक्ति के जीवन को आसान बनाने की कोशिश की जाती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को कुछ देशों में कलंक के नजरिए से देखा जाता है।

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इसलिए बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपनी इस बीमारी को शेयर करने में हिचकिचाते हैं। इस बीमारी के शुरुआती स्टेज पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। कुछ लोगों में हल्के-फुल्के लक्षण नजर आते हैं जैसे बुखार, गले में खराश, थकान, निमोनिया, मुंह में यीस्ट इनफेक्शन आदि। परंतु यह लक्षण लंबे समय के लिए नहीं होते हैं। आप सबको जानकर हैरानी होगी कि अभी तक एड्स का कोई इलाज नहीं है। लेकिन एंटीरेट्रोवायरल दवाओं के जरिए इसे रोकने की कोशिश की जाती है।

क्या है एड्स फैलने के कारण

एड्स फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित सेक्सुअल एक्टिविटी है।

एक ही इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल करने से भी यह बीमारी तेजी से फैलती है।

अगर कोई मां एड्स से पीड़ित है तो उसके बच्चे में गर्भाव्यवस्था के दौरान या प्रसव के समय या स्तनपान के जरिए एड्स फैल सकता है।

अगर किसी व्यक्ति में एड्स है और उसका ब्लड किसी दूसरे में ट्रांसफर किया जाता है तो उससे भी यह बीमारी फैलती है।

क्या है एड्स दिवस का इतिहास

पूरे विश्व में एड्स दिवस मनाने की शुरुआत 1988 में की गई थी। इसकी शुरुआत जेम्स और थॉमस ने की थी। उस दौरान यह दोनों व्यक्ति वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी विश्व स्वास्थ्य संस्थान के लिए सार्वजनिक सूचना अधिकारी के तौर पर काम किया करते थे। इन दोनों व्यक्तियों ने ही शुरुआत में एचआईवी एड्स के बारे में लोगों को बताया था। लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए इन दोनों ने 1 दिसंबर को चुना था तब से 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी।

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लाल रंग है एड्स का प्रतीक

किसी भी चीज की जागरूकता के लिए एक रंग को चुना जाता है। ऐसे ही लाल रंग एड्स से जुड़ी जागरूकता का प्रतीक है। यह रंग एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए समर्थन और एक जुटता का प्रतीक है। एड्स के लिए लाल रंग का रिबन पहली बार 1991 में बनाया गया था ।यह रिबन न्यूयॉर्क के विजुअल ऐड्स आर्टिस्ट ने डिजाइन किया था।

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