One Nation One Election Lok Sabha: नमस्कार दोस्तों हम आप सभी लोगों को बता दे की साधारण बहुमत से यह बिल पास नहीं करवाया जा सकता है जी हां सही सुन पा रहे हैं जो कि इसके लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है तथा इसके साथ ही भाजपा के पास भी नहीं है दो तिहाई बहुमत और लोकसभा में भी नहीं है तथा राज्यसभा में भी दो तिहाई बहुमत नहीं है बाकी जानकारी आप लोग को आगे प्राप्त करना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री जी के तीसरे कार्यकाल में वन मिशन वन भी इलेक्शन को लोकसभा में स्वीकार किया जा चुका है तथा यह पहले चुनौती थी और इस बिल नेपाल कर लिया तो था बिल का कानून बना और काफी ज्यादा मुश्किल हो चुका है जो कि इसका वजह बीजेपी का नंबर गेम है जो कि यह किसी भी सभा में नहीं है जैसे कि लोकसभा राज्यसभा में नहीं है।
राज्यसभा में बीजेपी का बहुमत होता भी तभी इस बिल का तय था अटकना
और दोस्तों हम आप सभी लोगों को बता दे की वन लेसन वन इलेक्शन बिल आप सभी लोग प्रधानमंत्री जी के इस महत्वाकांक्षी बिल को कह सकते हैं तथा इसके साथ ही एक देश एक चुनाव बिल यह बिल कोई सामान्य बिल नहीं है और साधारण बहुमत से पास करवा कर राष्ट्रपति के सिग्नेचर के बाद कानून बना दिया जाए यह बिल एक संविधान संशोधन बिल होता है तथा इसका पूरा नाम संविधान संशोधन बिल 2024 है जिसे आप सभी लोग एक देश एक चुनाव विधायक कह सकते हैं।
और यह एक संशोधन बिल है जो कि यह लोकसभा तथा राज्यसभा में साधन बहुमत से पास नहीं हो सकता जो कि इसके लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है और यह किसी के पास नहीं है और जानकारी आगे देखिए।
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543 में से 362 सांसदों का समर्थन चाहिए
दोस्तों हम आप लोगों को बता दे की संसद की कुल 543 संख्या है और दो तिहाई बहुमत के लिए 362 संसद का समर्थन चाहिए तथा इसके साथ ही बीजेपी के अपने सांसद है और घटक दलों के सांसद को जोड़ने के पश्चात 292 बीजेपी के पास नंबर होता है ।
अच्छा की आपको बता दे की लोकसभा में इस बिल को पास करने हेतु मिनिमम 70 सांसदों का समर्थन चाहिए तथा यह समर्थन बीजेपी को नहीं मिलता दिखाई दे रहा है ।
जेपीसी के पास भेजा गया बिल
दोस्तों आप सभी लोगों को बताते हैं कि 243 राज्यसभा के पास कुल सदस्य हैं तथा 162 सांसदों का समर्थन चाहिए औरएनडीए के पास संसद की कुल 112 संख्या है तथा इसके साथ ही इसमें 6 मनोनीत सांसद है तो इसको मिलाकर कुल 118 हुआ तथा हम आप लोगों को बता दे कि अभी 44 सांसद भाजपा के पास राज्यसभा में कमी है।
तो इस कारण से बिल खटकाना तय है तथा यह बिल को भेजा गया है जेपीसी के पास तो यह खबर है कि विरोधी दलों को यह अपने में मिला ले तब जाकर बहुमत के नंबर गेम से बहुत दूर नजर आ रही है ।
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