Make sports integral to school education: आजकल बच्चों का भविष्य केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है।सिर्फ पढ़ने या अध्ययन करने से बच्चे किताबी कीड़ा बनकर रह जाते हैं। बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास दोनों जरूरी है इसलिए बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में हिस्सा लेना भी जरूरी है। जब भी किसी अच्छे स्कूल या अच्छे बच्चे की बात आती है तो हमारे दिमाग में एक ऐसे बच्चे की छवि उभर कर आती है जो सारा दिन किताबों में लगा रहता है।
ऐसे बच्चे भविष्य में अच्छा मुकाम हासिल करते हैं ।लेकिन इन बच्चों का शारीरिक विकास नहीं हो पता है। बहुत से माता-पिता ऐसे हैं जो केवल अपने बच्चों को शिक्षा से जोड़कर रखना चाहते हैं। हां, यह बात सही है की पढ़ाई महत्वपूर्ण है, लेकिन खेलकूद से बच्चे का विकास होता है। आईए जानते हैं कैसे खेल कूद एक छात्रा के जीवन में प्रमुख भूमिका निभाता है।
केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि खेल भी है विद्यार्थी के जीवन का महत्व
आज के समय में विद्यार्थी न केवल शिक्षा ग्रहण करके अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकता है, बल्कि खेलकूद में भी विद्यार्थी अपना भविष्य चुन सकता है। भारत में बहुत से बच्चे ऐसे हैं जो शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद में हिस्सा लेते हैं और न केवल अपना बल्कि अपने परिवार, गांव ,राज्य और देश का नाम रोशन करते हैं। हमेशा से खेलों को स्वस्थ और फिट रहने के तरीके के रूप में देखा जाता है।
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खेल विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। कुछ खेल ऐसे हैं जिनसे विद्यार्थियों को टीम वर्क, नेतृत्व ,जवाबदेही, धैर्य और आत्मविश्वास जैसे जीवन कौशल सीखने को मिलता हैं। खेलकूद से विद्यार्थी जीवन की चुनौतियों का सामना करना सिखाते हैं।
क्या है खेल के लाभ
बहुत से एक्सपर्ट्स का मानना है कि हर विद्यालय में विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद का ज्ञान देना भी जरूरी है। इससे विद्यार्थियों को काफी मजबूती मिलती है। खेल कूद में हिस्सा लेने से विद्यार्थियों का शरीर मजबूत होता है और उनका मानसिक विकास भी होता है ।छात्रों का खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने में खेल का एक महत्वपूर्ण रोल है।
तनाव में कमी : जो बच्चे खेल खुद में रुचि रखते हैं वह ज्यादातर तनाव से दूर रहते हैं। एरोबिक गतिविधियों जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना तनाव और मानसिक विकारों को कम करने में सहायक है।
हार्मोनल लाभ : खेलकूद में हिस्सा लेने से विद्यार्थियों के शरीर में एक अलग ही रसायन पैदा होता है ,जिसे डोपामिन और सेरोटोनिन कहते हैं। यह रसायन हमारे मस्तिष्क को अच्छा महसूस करता है।
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बीमारियों से बचाव : खेलकूद में हिस्सा लेने से विद्यार्थी संक्रामक और गैर संक्रामक बीमारियों से पीछा छुड़वा सकते हैं। खेल गतिविधियों से रक्तचाप में कमी, हृदय संबंधित फिटनेस में सुधार होता है ।इससे नींद की गुणवत्ता भी अच्छी होती है ।
स्वस्थ और फिट बॉडी : खेल खुद से छात्रों का शरीर फिट रहता है और उनका विकास अच्छे से होता है। इतना ही नहीं खेल से मोटापे को रोकने में भी मदद मिलती है। खेल में शामिल होने वाले बच्चे फास्ट फूड की जगह फल सब्जियों को ज्यादा महत्व देते हैं। इससे उनका शरीर मजबूत और स्वस्थ बनता है।